ऐसा है हमारा अखबार!! - by Abhilasha "Abha"
कुछ पन्ने ही तो होते हैं......
हमारे अखबार में!
सफेद पन्नों पर काले अक्षर..
कुछ बड़े कुछ छोटे अक्षर..
सिमटा होता है उसमें,
सारे संसार की खबर!!!!
अनेकों समाचार,
कोई सुखद,
तू कोई दुखद,
कुछ कसैला,
तो कुछ कड़वा भी.....
ऐसा है हमारा अखबार!!
खबरें कुछ सच्ची,
कुछ मिर्च मसाले वाली,
स्वास्थ्य की जानकारी,
तो बातें गृहलक्ष्मी वाली,
कुछ मन को बहलाएं,
कुछ दिल दहलाने वाली,
रिक्तियों की खबरें,
कुछ परीक्षाफल की बातें,
कुछ मनभावन.....
तो करती कुछ घातें.....
ऐसा है हमारा अखबार!!!!
कहीं हुई हत्या,
कहीं बोला किसी ने मिथ्या,
कहीं अस्मत लूटी नारी की,
कहीं कविता छपी किसी कवि की,
कोई खबर तो घृणा देने वाली,
कुछ खबरें मन को सुकून देने वाली,
हांँ.............
कुछ ऐसा ही है हमारा अखबार,
चाहे हो इसमें लाख बुराइयांँ,
पढ़कर इसे मन को चैन आता,
ना आए अखबार जिस दिन,
जैसे कुछ भूला हो ऐसा लगता,
सुबह की चाय और अखबार का........
बहुत सुंदर है ये नाता!!!
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