जमीन ( लघुकथा ) - by Ram Krishna Joshi
गांव की अपनी पैतृक जमीन बेचने के लिए तीनों भाई गांव आते है। छोटे भाई की नई कार से जैसे ही गांव में ये खबर फैलती है । अमृतलाल के लड़के जमीन का सौदा कर रहे है
धोती और कमीज पहनने वाले चतुर किसानों की दिमाग की बत्ती जल उठती है। हर कोई अमृत लाल की 15 एकड़ जमीन को खरीदना चाहता है। अमृतलाल के देहांत के बाद पांच 5 -5 एकड़ जमीन तीनो भाई के हिस्से में में आई थी।
अमृत लाल के सबसे खास मित्र पूनमचंद ने बड़े लड़के को अपने पास बुलाया और उससे कहा।
:-" बेटे जमीन क्यों बेच रहे हो ? तुम तीनो भाई अच्छे खासे कमाते हो पड़ी रहने दो।
इसको बेचकर जो पैसा तुम्हारे पास आएगा वह तो खत्म हो जाएगा। मेरी सलाह मानो इस जमीन को मत बेचो। तुम तीनो भाई जमीन को लीज पर दे दो। जिससे हर साल तुम्हारे पास पैसा आएगा जो कभी नहीं खत्म होगा यही खेती की माया होती है। ये लोग जो तुम्हें खाना खिला रहे चाय पिला रहे हैं । ये बहुत शातिर लोग हैं तुम जमीन बेच रहे हो इसलिए तुम्हारी खातिरदारी कर रहे हैं। पहले जब तुम गांव आते थे क्या ? तुम्हें कभी घर बुलाकर इन लोगों ने एक कप चाय भी पिलाई।
तुम्हारे पिताजी इन लोगों से नफरत करते थे। इनका काम ही ये है ।जैसे तैसे करके जमीन खरीद कर इस गांव से विदा करना ।
पूनमचंद की बात सुनकर बड़े लड़के ने बड़े उदास होकर कहा
:- " काका मैं भी यह जमीन बड़े भारी मन से बेच रहा हूं। मेरा विश्वास करिए आप । पहले मैंने जमीन बेचने का विरोध किया था दोनों छोटे भाइयों की पत्नियों ने इतने सारे तर्क दिए। मैं उन बहुओं के तर्क के सामने हार गया काका।
"बीच वाली बहू कहने लगी
जो flat खरीदा है उसकी किस्त जमा करने में उम्र बीत जाएगी। जमीन बेचकर एकमुश्त सारे पैसे जमा कर देते हैं ताकि कर्ज ना रहे। बाकी के पैसे की एफडी करा देंगे। सबसे छोटी बहू कहने लगी" कार तो जैसे तैसे खरीद ली । अब घर भी चाहिए कार की किस्त तो चल रही है।
हम चाहते हैं सारा कर्ज चुका दे ताकि टेंशन फ्री हो । फिर आपकी बहू ने कहा":- जब दोनों भाई जमीन बेच रहे हैं। तुम अकेले जमीन रख कर क्या करोगे।
हमारे पास मकान तो है कार नहीं है । हम भी एक नई कार खरीद लेंगे।
तभी उनके एंड्राइड मोबाइल पर कॉल आता है। अच्छा काका मैं चलता हूं। लगता है सौदा तय हो गया मुझे जाना होगा क्या करें मजबूरी कुछ ऐसी है दिल पर पत्थर रखकर सौदा कर रहा हूं।
पूनमचंद समझ गए:- बच्चों पर बहुत ज्यादा दबाव है।
जब जमीन का सौदा तय हुआ
":- काका के बातों ने अमृत लाल जी के बड़े लड़के को अंदर तक झकझोर कर रख दिया था।"
" बेटे जमीन बेचकर रखा हुआ पैसा जल्द ही खत्म हो जाएगा। लीज पर देने से हर साल पैसा आएगा जो कभी खत्म नहीं होगा यही खेती की माया होती है" ।
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