घायल परिंदा - by Swati Saurabh ( Motivational Hindi Kavita, Motivational Poem )


घायल परिंदा


ओ घायल परिंदे!

तू फिर से उड़ान भर।

अपने सपनों को दे,

नए हौसलों के पर।।


टूटा नहीं है तू,

हारा नहीं है अभी तक।

अपनी कोशिशों से ,

हिम्मत कर उड़ान भर।।


गगन चूम ले तू,

अपने फैला कर पर।

लड़खड़ा कर ही सही,

दिखा दे कदम बढ़ा कर।।


जाना  है अभी तो तुझे,

आसमां के भी पार।

ठहरना नहीं है तुझे,

मंजिल कर रही इंतज़ार।।


ओ परिंदे ना भूल,

 तू अभी जिंदा है।

तूफानों से लड़ जाता,

तू वही परिंदा है।।


अपने वजूद की ,

तू खुद कर तलाश।

रहना नहीं है तुझे,

बनकर एक जिंदा लाश।।


नई उम्मीदें ,

नए हौसलों के संग।

ओ घायल परिंदे,

तू फिर से उड़ान भर।।


Writer:- Swati Saurabh

From:- Bhojpur, Bihar

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