मैं दीप जला कर रखूँगी - by Sapna Parihar ( Diwali, Deepawali )


कर दूँगी रंग-रोशन सब कोने

आँगन रंगोली से सजाऊँगी

द्वार सजाऊँ वन्दनवार से

फूलों से घर महकाऊँगी।


पल-पल प्रतीक्षित रहेगा मेरा

उस राह की हर पल निहारूँगी

"मैं दीप जला कर रखूँगी"

मैं मन ही मन तुम्हें पुकारूँगी।


प्रेम और विश्वास का दीपक

समर्पण की उसमे बाती होगी

निष्ठा के तेल से दीप जलेगा

हम दोनों की ऐसी दीवाली होगी।


"मैं दीप जला कर रखूँगी"

तुम प्रतीक्षा मुझे न करवाना

मेरे आस का दीपक जला रहेगा

इस दीवाली तुम आ ही जाना।




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