मुश्किलों से मत भाग तू - by Archana Tiwary


मुश्किलों से मत भाग तू

गर भागना ही था  तो

घर से ही क्यों निकले हो तुम

पाना है जो कुछ भी बड़ा 

मन में जो भी पहले से रखा, 

तो  भिड़ जाओ चुनौतियों से 

मजबूर हो जाए वो भी तेरे 

जज्बे को  देख झुकने लगे

रात काली आएगी 

तुझ को डराने रोज ही 

पर देख तू उस धूप को

फैली तुझे बुला रही  

मत डर तू तूफानों के वेग से 

हौसले को लेकर साथ में 

दिव्य प्रकाश की खोज कर 

छोड़ पीछे सबको तुम्हें 

बस लक्ष्य पार कर जाना है 

अथक अविचल बस चलता चल 

मन पहुंच गया पहले जहां 

उस लक्ष्य से विचलित न हो

ईर्ष्या छल की चादर ओढ़ लोग 

आएंगे भरमाने तुम्हें 

राह के कांटे उलझायेंगे तुम्हें

पर रुक न तुम इन बंधनों से

बस तोड़ सब आगे बढ़ता ही जा 

ना देख पीछे मुड़ कभी 

जो बीत गया उसे छोड़ दे

बस देख तू आगे अभी

बस दौड़ लगा, कुछ कर दिखा 

न सोच क्या कुछ नहीं मिला

बस सोच अब क्या पाना  बड़ा

सफलता कदम चूमेगी एक दिन

बस धैर्य थाम बढता तू चल


Writer:- Archana Tiwary

From:- Baroda, Gujarat


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