जीवन होता है संग्राम - by Shiv Kumar Sapuniya
जीवन होता है संग्राम
शूल बिछे होते है पग पग पर
और पथ पर अंगारे भी
पहाड़ बनकर टूटती मुश्किलें
ओर आकर्षण का तूफान
होती है नाजुक उमरिया रखना होता है
इसका भी ध्यान
बघनख छिपे होते है लोगो के मुख मे
और तालु मे तलवारे
तलवारो से बचना होता है
लगा के अपनी जान
साधना होता है जीवन
ईसा भी लेता ईम्तिहान
पल पल मे होती है परीक्षा
नही होता है विश्राम
लक्ष्य होता है जीवन का सर्वस्व
और आगे की पहचान
होता है राही अकेला और
पथ भी अंजान
आदर्श भी ऊँचे होते है
ऊँची होती है मंजिले
मन बार बार बदलता है
आती है पुकार एक बार
जो सुन ले मन की पुकार
वही खोलता है सफलता के द्वार
Writer:- Shiv Kumar Sapuniya
From:- Raisingh Nagar, Rajasthan (India)
Good
ReplyDelete#अद्भुत👌
ReplyDeleteThanks sir
DeleteVery nice
ReplyDeleteThanks sir
DeleteVry nice
ReplyDeleteThanks
DeleteExcellent 👍 👌😀 brother
ReplyDeleteExcellent and nice line forever ❤️❤️❤️❤️❤️😍😍😍😍
ReplyDeleteThanks to all
ReplyDeleteशानदार अभिव्यक्ति 🔥
ReplyDeleteअद्भुत
ReplyDeleteVery good
ReplyDeleteReal feeling
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ReplyDeleteNice
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ReplyDelete👍Reality of life
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