बीज मंत्र - by Awaneesh Gupta


बंद दीवार में धड़कन,

बढ़ाने से नहीं मिलती।

गिरा दीवार, दे धक्का,

सफलता खुद खड़ी मिलती।


कदम के डगमगाने से,

नाव साहिल नहीं लगती।

हुनर से बन बुलंद इतना,

सफलता खुद कदम गिरती।


नजर का दोष है इतना,

कि हर गलती को सच समझे।

अगर उनसे भी सीखें,

जो पथ पर तू नहीं भटके।


लाख तूफाँ तेरे रस्ते,

जो लंगर बना तू दिल के।

बढ़ा चल जोर उस रस्ते,

खड़ी मंजिल तेरे वस्ते।


Writer:- Awaneesh Gupta

From:- Prayagraj, U.P. (India)

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