हम हिन्द देश के वासी हैं - by Kundan Keshri
हम हिन्द देश के वासी हैं
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जब भी वतन पर आएगी आँच, हम अपने प्राण लुटाएँगे,
हो गए शहीद परवाह नहीं, हम अपना फर्ज़ निभाएँगे।
शत्रु हो कितने भी पर, हम उनको मार भगाएँगे,
हम हिन्द देश के वासी हैं, हम इसकी गाथा गाएँगे।।
भारत माँ के वीर सपूतों ने, अपना शौर्य दिखलाया था,
आजादी के लिए ना जाने, कितनों ने लहू बहाया था।
उनके इस बलिदान को, हम कभी भूला ना पाएँगें,
हम हिन्द देश के वासी हैं, हम इसकी गाथा गाएँगे।।
हमारे हिन्द देश में, अनगिनत हुए वीर है,
जिसके साथी रहे सदा, तोप, तलवार, तीर है।
उनसे लेकर प्रेरणा, हम आगे कदम बढ़ायेंगे,
हम हिन्द देश के वासी हैं, हम इसकी गाथा गाएँगे।।
ये देश तो स्वर्ण चिड़िया है, हर ओर यहाँ हरियाली है,
यह वीरों की भूमि है, यह हिम्मत भरने वाली है।
इस देश में हम जन्मे हैं, हम इसका मान बढ़ाएँगे,
हम हिन्द देश के वासी हैं, हम इसकी गाथा गाएँगे।।
देव भी हुए अवतरित यहाँ, कण-कण में भगवान है,
हमे गर्व है खुदपर की, हम भारत माँ की संतान हैं।
मातृभूमि का हम कभी, ऋण चुका ना पाएँगे,
हम हिन्द देश के वासी हैं, हम इसकी गाथा गाएँगे।।
यह विद्वानों की धरती है, पूरा जग वन्दन करता है,
शीश झुकाकर "कुन्दन" सदा, इसका सुमिरन करता है।
यह धरा है ऋषि-मुनियों की, हम तो गुणगान गाएँगे,
हम हिन्द देश के वासी हैं, हम इसकी गाथा गाएँगे।।
- कुन्दन केशरी
झाझा, बिहार
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