रग-रग में हिन्दुस्तान है - by Chandan Keshri
रग-रग में हिन्दुस्तान है
हिन्द की धरा है पावन, इसपर मुझे अभिमान है।
मैं भारतीय हूँ और मेरे रग-रग में हिन्दुस्तान है।।
शत्रु करेगा आक्रमण तो वह गोली ही खाएगा।
हमारे हिन्द का गुणगान पूरा विश्व गाएगा।
हमारे देश के सैनिक डटे हर ओर सीमा पर,
बुलंद है हौसले इनके हरा कोई न पाएगा।
सैनिक के लिए दिल में मेरे, रहता सदा सम्मान है।
मैं भारतीय हूँ और मेरे रग-रग में हिन्दुस्तान है।।
लहू की बही थी नदियाँ, अनेकों ने गोली खाई थी।
आजाद, बोस, भगत सिंह ने, हमें आजादी दिलाई थी।
प्रताप, शिवाजी, कुँवर सिंह, यहाँ अनेकों वीर हुए,
मैं ऐसे देश का वासी हूँ, जहाँ जन्मी लक्ष्मीबाई थी।
ऐसे वीर ही तो मेरे हिन्द का अभिमान है।
मैं भारतीय हूँ और मेरे रग-रग में हिन्दुस्तान है।।
है देश ही ऐसा यह, हर ओर यहाँ हरियाली है।
स्वयं हिमालय पर्वत करता, यहाँ की रखवाली है।
सागर भी स्वयं यहाँ, पाँव हिन्द के धोता है,
सभ्यता और संस्कृति, यहाँ की निराली है।
इस धरा में जन्म लिया, यही मेरी पहचान है।
मैं भारतीय हूँ और मेरे रग-रग में हिन्दुस्तान है।।
पाणिनी, बाल्मिकी जैसे, हुए यहाँ विद्वान है।
वेदों और पुराणों का, यहीं मिला ज्ञान है।
राम और कृष्ण की भी, है यही भूमि रही,
महावीर और बुद्ध जैसे, हुए यहाँ महान है।
माँ भारती का सदा, करता "चन्दन" गुणगान है।
मैं भारतीय हूँ और मेरे रग-रग में हिन्दुस्तान है।।
- चन्दन केशरी
झाझा, बिहार
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