बलिदान - by Vishendra Chandra
बलिदान
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वीरों ने जो दिए बलिदान,
उनको ना भूल पाएँगे।
मिलकर हम स्वतंत्रता का,
दिल से पर्व मनाएँगे।
वीरों के बलिदानों ने,
लिखी अमर कहानी थी।
स्वतंत्रता के बाद की,
सुबह बहुत सुहानी थी।
छोटी सी चिंगारी थी,
जो क्रांती में बदल गई।
बरसों की तमन्ना थी,
वो आजादी में बदल गई।
देश प्रेम के मान को,
हर दिल मे हम जगाएँगे।
हम है सच्चे भारतवासी,
सारे जग को ये बताएँगे।
- विशेन्द्र चन्द्र
लखनऊ, उत्तर प्रदेश
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