शान तू अभिमान तू - by Ranjeet Kumar


शान तू अभिमान तू

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मेरी धरा की शान तू, मेरे मन का अभिमान तू।

मेरे अखण्ड आर्यावर्त राष्ट्र की पहचान तू।।

भारतवर्ष का आप हो एक सच्चे नायक।

अतुलनीय, वंदनीय, पूजनीय हो लायक।।

भारत माँ के सच्चे सेवक, सच्चा हो पुत्र।

अखण्ड भारत भूमि एकता के हो सूत्र।।

गौतम महावीर के तरह हो गृहत्यागी।

केवल देश से प्रेम करने वाले संगनी वैरागी।।

जो जीवन का बलिदान दें, कर्ण सा हो दानी।

गीता दर्शन पर चलनेवाले अर्जून-सा ज्ञानी।।

है भारत के सैनिकों, जन जन का अभिमान तू।

जब आते कोई विपदा, बाढ़, तूफान,

संकट हरने वाले वीर महान तू।।

मेरी धरा की शान तू, मेरे मन का अभिमान तू।

मेरे अखण्ड आर्यावर्त राष्ट्र की पहचान तू।।


- रणजीत कुमार

समस्तीपुर, बिहार

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