गुणगान - by Priya Prasad
गुणगान
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मंगल, मधुर, पावन वेला
गुनगुना रहा आज गान है,
देशप्रेम में डूब गया जन जन और
खिलखिला रही धरती तो गूंजता आसमान है।
नारंगी किरणें बिखेरता सूर्य,
श्वेत हैं बादल, तो नीला आसमान है,
ललहा उठे हैं हरे पेड़ पौधे,
मानों तिरंगा में लिपट गया सारा जहान है।
१५ अगस्त की तिथि हो चुकी गौरवांवित
तो कर रही माँ भारती को प्रणाम है।
हैं माटी के हम सब सपूत,
वीर जवानों का यह हिन्दुस्तान है।
भरता यहाँ कण कण हुँकार,
माँ भारती सिंह पर सवार है।
आसमान में लहराता तिरंगा
नित्य विजय पताका है।
इतिहास बना साक्षी हर क्रांतिकारी,
वीर जवानों की सूना रहा गाथा है।
नही है शब्द इतने जो लिखें हम आगे
कर रहे हैं श्रध्दांजली अर्पित हर वीर जवानों को,
और सम्मान है उन माताओं को जिसनें
अपना लाल भारत माँ की रक्षा में तैनात किया।
१५ अगस्त की तिथि कर रहा
हर सपूत का गुणगान है।
मंगल,मधुर पावन वेला फहरा कर तिरंगा
गा रहा आज राष्ट्रीय गान है।।
- प्रिया प्रसाद
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