कोरोना : अवसर या चुनौती - by Anita Negi
वर्तमान में चल रही है कोरोना वायरस नामक वैश्विक समस्या ने सारी समस्याओं को पीछे छोड़ दिया है, परंतु इस समस्या ने सभी लोगों को वर्तमान और भविष्य की चिंता से ग्रसित कर दिया है| आज जब गांव से नौकरी की तलाश में युवा वर्ग शहरों की तरफ पलायन कर चुके थे, इस वायरस के चपेट में आ जाने से लोग वापस अपने पहाड़ और गांव की तरफ लौट रहे हैं लेकिन सबके सामने समस्या जीवन यापन की है| वायरस के चलते समस्त भारत में लोक डाउन की स्थिति बनी हुई है और ऐसी स्थिति से युवा वर्ग ज्यादा प्रभावित हुआ है, बहुत से लोगों की नौकरी छूट चुकी है और आज युवा वर्ग मानसिक अवसाद जैसी स्थिति से गुजर रहे हैं, ऐसे में भले ही हम हिम्मत रखने जैसी बात तो कह सकते हैं लेकिन वास्तविक स्थिति क्या है वही व्यक्ति जानता है जो इस स्थिति से गुजर रहा है|परंतु परिस्थितियों में अवसर तलाश सकते हैं,निराश न होकर खाली बंजर पड़े गांव और पहाड़ को आबाद करें अपनी प्रतिभा को निखारें, जो छूट गया था या छोड़ दिया गया था समय है उसे फिर से सँवारें।
जीवन के प्रति सकारात्मक रवैया अपनाते हुए अवसर को तलाशें, 'जहां चाह वहां राह' वाले को कथन कोसत्य साबित करने का प्रयत्न करें| सरकार द्वारा शिक्षित युवाओं को स्वरोजगार हेतु लोन प्रदान किए जा रहे हैं उसका लाभ उठाएं| आइए हम आत्मनिर्भर भारत का स्वयं से निर्माण करें| कुटीर उद्योगों को शुरू करके स्वयं के साथ गांव के अनेक लोगों को रोजगार दिया जा सकता है| मशरूम उत्पादन व औषधीय पौधों को उगाकर आय अर्जित कर सकते हैं| ऑर्गेनिक खेती भी एक बेहतर विकल्प है|
देखा जाए तो हम इस विकट परिस्थिति में भी स्वयं को सिद्ध कर सकते हैं परंतु आवश्यकता है आशावादी दृष्टिकोण विश्वास सहयोग और कड़े परिश्रम की|
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