ओ डमरू वाले बाबा - by Anamika Vaish Aina ( Damru Wale, Shiv, Mahadev, Shankar, Bholenath, Mahakal, Bhakti )
ओ डमरू वाले बाबाजी! उद्धार कर दो
इस भव सागर से तुम हमे पार कर दो
अद्भुत रूप जटाओं वाला
नीलकंठ पीते विष प्याला
सिर पर धरे चंद्र अरु गंगा
कंठ सुशोभित सर्प विषैला
देह भभूत मले मुंडमाला धारी
संगी भूत प्रेत अरु नंदी सवारी
हे भोलेशंकर! आदि अंत तुम हो
निजकृपा से हमें उपकार कर दो..
रहती माँ गौरी जी अर्धअंग में
शक्ति बनकर शिव की संग में
प्रेम का अद्भुत संयोग है दोनों
भोले रहते हैं मग्न मद भंग में
सर्वश्रेष्ठ नटराज सिंह खालधारी
डमरू और त्रिशूल धरे त्रिपुरारी
उच्चतम तांत्रिकी अवतार तुम हो
जिंदगी मेरी भी चमत्कार कर दो..
सारे देवन के तुम देव हो बाबा
जगत कहता महादेव हो बाबा
सब विपदा के तुम ही हरता हो
कह दो तुम संग सदैव हो बाबा
रूद्राक्षप्रेमी हैं कैलाशपति कहलाते
त्रिनेत्री समाधि से खुद को बहलाते
अपनी शरण में ले करके हमको
विनत मेरी अब स्वीकार कर दो..
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