आप कब सफल हैं? - by Dr. Priti Saxena


मानव जीवन की यह विडंबना है कि उसका समग्र जीवन और खुशियां उसकी सफलता की मोहताज होते है। मानव को प्रयास ,कर्म और संघर्ष करने से ही सफलता की प्राप्ति होती है। प्रत्येक व्यक्ति अपने यथाशक्ति कर्म कर अपने लक्ष्य को अर्जित करने हेतु संघर्ष करता है। अनेक बार वह सहज रूप से सफलता प्राप्त करता है और कई बार बारंबार प्रयास करने पर भी सफल नहीं होता । ऐसे में पुनः विचार कर आत्म चिंतन के बाद अपनी कमी ढूंढने की आवश्यकता होती है।


मनुष्य अनेक बार बिना लक्ष्य तय करें, अपने बिखरे हुए प्रयासों से सफलता प्राप्त करना चाहता है । असफल होने पर निराश हो जाता है। ऐसे में वह ईश्वर और स्वयं को कोसता है । तब उसे पुनः सफलता प्राप्त करने की कोशिश करनी चाहिए क्योंकि कोशिश करने वाले ही जीते हैं ,सफल होते हैं । एकाग्र चित्त होकर जब मनुष्य अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए अपनी संचित समग्र शक्ति को लगा देता है तो संपूर्ण सृष्टि भी उसे सफल बनाने में लग जाती है।


असफल होकर भी मनुष्य को घबराना नहीं चाहिए। प्रत्येक असफलता कोई ना कोई सीख अवश्य देती है। वह सबक अगली सफलता के लिए' मील का पत्थर 'साबित हो सकता है । लक्ष्य प्राप्ति के प्रयास सधे हुए होने चाहिए । किसी भी शॉर्टकट से सफलता प्राप्त नहीं की जा सकती । 'गीता'में भी कर्म के महत्व का प्रतिपादन किया गया है । निष्कर्म होकर सफलता प्राप्त करना संभव नहीं।



यह कतई आवश्यक नहीं है कि किसी भी व्यक्ति को किसी भी काम में एक ही बार में सफलता प्राप्त हो जाए। कई बार सफलता प्राप्ति हेतु सतत प्रयास करने होते हैं उदाहरणार्थ ..आपने देखा होगा कि जब नन्हा बच्चा जब चलना सीखता है तो वह बारंबार खड़े होता है, बारंबार गिरता है ,फिर उठता है फिर चलता है, फिर गिरता है लेकिन वह गिरने के बाद , चलना नहीं छोड़ता और अंततः वह चलने में सफल हो जाता है। दृढ़ इच्छाशक्ति आपको सफल बनाने में मदद करती है और आप दूसरों के आदर्श बन जाते हैं आप के बनाए हुए पग मार्गों पर दूसरे चलना चाहते हैं।


महान वैज्ञनिक स्टीफन हाकिंग इस बात का ज्वलंत उदाहरण है। जिन्होंने अपने शरीर के अधिकांश हिस्सों के काम ना करने पर भी महान खोजें की और अंतरिक्ष के रहस्यों को हमारे सामने रखा । स्पष्ट है कि शरीर की कमियां भी दृढ़ संकल्प, संघर्ष और हमारे प्रयासों के बीच बाधक नहीं हो सकती। ऐसी हजारों कहानियां हमारे आसपास बिखरी हुई है। हमें बस सफलता प्राप्ति के लिए अपने आप को कटिबंध रखना है। प्रयासों को कम नहीं करना है। हरिवंश राय बच्चन की कविता.. 'कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती 'भी इसी ओर संकेत करती है।


किसी एक मनुष्य की सफलता लाखों लोगों को सकारात्मक विचारों से भर देती है। उन्हें प्रेरणा देती है ।जब कोई और आप जैसा बनने का प्रयास करें तो समझ जाएं कि आप सफल है । आत्मविश्वास से भर कर अपने रुचि से जुड़े हुए लक्ष्यों को चुने। उन्हें प्राप्त करने में जुटे रहे । निराश ना हो । सकारात्मक सोच रखें। आप सफल हैं।


Writer:- Dr. Priti Saxena

From:- Bharatpur, Rajasthan

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