सफलता से पहली मुलाकात - by Shashilata Pandey


जब पाते हम,

अपने ख्वाबों को!

हकीकत में,

बदलते अहसास !

जीवन एक,

स्वप्न सा प्रतीत होता!

वो सुखद सी,

अनुभूतियां लगती पास!

अपने सपनों से,

वो पहली मुलाकात!

जानें कितनें गवायें,

नींद भूख-प्यास?

जो मेहनत,त्याग,से,

सुख होता प्राप्त!




जो मिलते जीवन मे,

बनकर कुछ खास!

सबसे यादगार होते,

वो दिन और रात!

जिनके पाँव जमीं पर,

कल्पना में ऊँचे आकाश!

सपनों को पंख,

हौसलों की उड़ान उन्मुक्त!

जो जीवन में अलग से,

देखते सपने खास!

जिनमें होती एक,

महत्वकांक्षाओं सी कोई बात!

होती नही उनकी जिन्दगी,

जीवन मे कभी उदास!

अपनें ख्वाबों को,

करने को पूरे  करते मेहनत!

उम्मीद का प्रज्ज्वलित करके,

दीपक नही होते निराश!

जीवन मे वो पाते,

सम्मान इज्जत और शोहरत!

हसीन रात सपनों से,

हकीकत में हो मुलाकात!

वो जिन्दगी की सपनो से,

पहली मुलाकात खास!

सबसे सुंदर लगती,

उसदिन की वो हसीन रात!

जीवन की सबसे सुखद,

अनुभूति सुन्दर अहसास!

कल्पनाओं की हकीकत से,

वो पहली मुलाकात!

जब झिलमिलाते आँखों मे, 

सपनो के सितारे दिखे पास!

जीवन सार्थक होता,

और खुशियाँ देती हर बात!

जब खुशियों की मिले मंजिल,

एक विस्तृत धरती और आकाश!

अँधेरी रातों में भी लगे,

चाँद और तारों की बरात!

जब पराये भी लगने लगे,

अपने दिल के पास!

यादगार ख्वाबों की हकीकत से,

वो पहली मुलाकात !


Writer:- Shashilata Pandey

From:- Tikhmpur, Balliya, U.P. (India)

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