मंजिल - by Bhagat Singh
सफलता वो नही जो सिर चढ़कर बोले ।
सफलता मानव को पल पल कसौटी पर तोले ।।
सफल होना अधिक मुश्किल नही होता ।
सफलता के शिखर पर टिके रहना है मुश्किल ।।
नाकामियों मे कामयाबी के रास्ते ढूंढते है ।
नाकाम हो तो गैर क्या अपने भी टोकते है ।।
नाकामियां तो हर पल राहें रोकना चाहें मगर ।
अड़िग इरादे नाकामियों को पीछे छोड़ते है ।।
सफलता के लिए कोशिशें तो तमाम होती है ।
सफल कोशिश हो तो हर मंजिल मिल ही जाती है ।।
हर कोशिश सफल हो यह मुमकिन नही मगर ।
हौंसले बुलंद हो तो सफलता मिल ही जाती है ।।
लक्ष्य साधने से पहले करो यत्न अपने सारे ।
संघर्ष करो अपना फिर जीते चाहे हारे ।।
बढ़ाकर कदम लक्ष्य की ओर मुड़कर न देखना फिर।
सफल हुए तो गैर भी साथ आ जाएंगे तुम्हारे ।।
असफलता के आसपास ही सफलता रहती है ।
सिर्फ किस्मत के सहारे सफलता नही मिलती है ।।
अथक प्रयास हो ओर आशीर्वाद रब का हो तो ।
सफलता खुद पहलू मे आकर गिरती है ।।
Writer:- Bhagat Singh
From:- Dwarka, New Delhi
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