सफलता का पूल - by Jyoti Vipul Jain



कोशिशों के सिमेंट सें मजबूत बनता सफलता का पूल,

मेहनत के वर्षाव सें खिलता है सफलता का फूल,

लक्ष्य साधना सें पहले करे मन में दृढ़ निश्चय,

समय को महत्व दे, करे समय का सदुपयोग ।

ईंट सें ईंट जुड़ के बनती है इमारत,

मेहनत और कोशिशों सें बनती सफलता की इमारत,

कोशिश करें जो बन्दा उसे मिलती सफलता,

लक्ष्य को पाने के लिये करो उसका पीछा ।

सफलता का दुसरा नाम है निडरता,

डर सें निकल के मिलती है सफलता,

मन में नही होना चाहिये डर,

विजय सें मन में उठती है खुशियों की लहर ।

सफलता नहीं मिली जीवन में हटे नही पीछे,

उठो, फीर से लग जाओ सफलता की राह में, असफलता सफलता की है शुरुआत,

प्रयास ही प्रयास करते रहों निरंतर दिन रात ।

चीटी भी मेहनत करती है निरंतर,

बढती रहती हमेशा लक्ष्य की तरफ,

लक्ष्य वो जब तक हासिल नही करती,

जीवन में कभी भी हार वो नहीं मानती ।।


Writer:- Jyoti Vipul Jain

From:- Atul, Gujarat (India)

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