सफल इंसान - by Pooja Mishra
तू अगर चाहता है की जग में हो तेरी पहचान,
तो तू ख़ुद कर खुद का सम्मान।
तू अगर चाहता है की भीड़ से पृथक ही हो तेरा स्थान,
तो अपने स्वप्नों को दे तू ऊँची उड़ान।
हारना भी है जरुरी, हर जीत से पहले,
क्योंकि राह की ठोकरें ही बनाती मुक़म्मल इंसान।
सागर की तह में ही मोती मिलते,
किनारों पर तो बस कंकर -पत्थर ही हाथ आते हैं ऐ नादान।
परिश्रम से बड़ी कोई कुंजी नहीं,
तेरा परिश्रम ही तुझे बनाएगा महान।
जिस दिन तू सफल बन जायेगा,
उस दिन ज़माना तुझे ही करेगा सलाम।
किन्तु इस सफलता के लिये तुझे
सदा डटें रहना पड़ेगा,
चाहे आये सैलाब या तूफान,
तभी तू बन पाएगा सफल इंसान।
Writer:- Pooja Mishra
From:- Rewa, M.P. (India)
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