रखो स्वयं पर विश्वास - by Nishant Saxena


"सफलता "यह एक ऐसा शब्द है, जो मानवीय जीवन में अहम स्थान रखता है। सफलता के लिए जीवन में बहुत कुछ खोना पाना पड़ता है । संसाधनों के त्याग के पश्चात व कड़ी मेहनत के बाद ही सफलता का रस चखने को मिलता है।


आत्मविश्वास ,आत्मनिष्ठा, आत्म प्रेरणा ,सफलता के अभिन्न अंग हैं। एक सफल इंसान के अंदर इन सभी गुणों का विद्यमान होना अति  आवश्यक है। सफलता के लिए जरूरी है "लक्ष्य निर्धारण" क्योंकि अगर हमारा लक्ष्य निर्धारित नहीं होगा तो हम भाविहीन होकर भटकते हुए पथ पर चलते रहेंगे । आप जो भी लक्ष्य का निर्धारण करें, उस पर अडिग रहें, यह ना हो कि रोज-रोज आप अपने लक्ष्य को बदलते रहें। लक्ष्य निर्धारण के पश्चात आप अपने रास्तों को सोचिए यह सोचे कि आप उसे कैसे पा पाएंगे?


बिना लक्ष्य के आप सफलता प्राप्ति की सोच भी नहीं सकते।


सफलता को पाने के लिए या कहीं अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए आत्मअनुशासन होना बहुत आवश्यक है। एक अनुशासित व्यक्ति ही अपने कार्य को उत्साहवर्धक तरीके से कर सकता है। अनुशासन ही मनुष्य को कार्य करने के लिए प्रेरित करता है।


आत्मविश्वास का होना बेहद आवश्यक है ,क्योंकि जब आप किसी भी लक्ष्य की डगर पर चलते हैं तो आपको हजारों विपरीत परिस्थितियों का सामना करना पड़ता है। उस समय केवल आपका आत्मविश्वास ही आपके मित्र के रुप में खड़ा होता है। आत्मविश्वास एक जादू है।


सपने तेरे हैं,

तू ही पूरा करेगा,

मंजिलें तेरी हैं,

रास्ते तू ही चुनेगा,

लोग मारेंगे थप्पड़ हर रोज,

तू गाल सहला कर आगे बढेगा,

माना है तू आज एक मामूली पत्थर,

कल तू ही हीरा बन करोड़ों में बिकेगा। 


अडिगता से चलने वालों को ही सफलता प्राप्त होती है। लक्ष्य के प्रति जुनून सफलता के पथ को आसान करता है । जब आप कठिनाइयों में भी लक्ष्य के पीछे भागते रहेंगे तो एक दिन विपत्तियां खुद-ब-खुद अवसर में बदल जाएंगे । विपत्ति को अवसर में बदलने का एक महत्वपूर्ण उदाहरण हमने कोरोना महामारी के समय में सीखा सभी लोगों ने तरह-तरह प्रकार के तरीकों से इस विपत्ति को घर बैठकर अवसर में बदलाव जैसे कि लोगों ने अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दिया, नई नई चीजें सीखी परिवार के साथ समय देना कितना आवश्यक है ,यह भी सीखा व्यापारियों ने भी मास्क व सैनेटाइजर का व्यापार कर देश की अर्थव्यवस्था को कायम रखने का पूर्ण प्रयास किया।


अपने लक्ष्य को कायम रखकर जब आप उनका पीछा करते हैं तो आपको कठिनाइयों से लड़ने का उत्साह मिलता है। सफलता के लिए एकचित्त  निष्ठावान होना अति आवश्यक है।  जब आपका लक्ष्य आपको सोने ना दे तो समझ लीजिए कि आपका जीतना सुनिश्चत है। सफलता का एक और मूल मंत्र है जिसका नाम है "सकारात्मक विचार" जब तक आप नकारात्मक सोच के आवरण में रहेंगे ,तब तक आपको सफलता का "" भी नहीं प्राप्त होगा । सकारात्मक सोच के लिए हमेशा सकारात्मक लोगों के बीच में रहे। प्रेरणादायक लेख ,जीवनी का अध्ययन करें। अपने लक्ष्य को पागलपन में  बदलिए तभी सफलता आपके कदम चूमेगी।


कभी भी लोगों से किसी प्रकार के उत्साहवर्धन की अपेक्षा ना रखिए बस एकचित्त होकर अपने रास्ते पर चलते रहिए आप खुद ही खुद के प्रेरक हैं।


है सफलता का मंत्र

कठिनाइयों से लड़कर आगे बढना

माना मुश्किल है डगर

पर रखो स्वयं पर विश्वास

कर्म युद्ध के क्षेत्र में वीरों की तरह होगा तुम्हारा वास। 


Writer:- Nishant Saxena

From:- Lucknow, U.P. (India)

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