सफलता की चाबी - by Lokesh Kumar Upadhyay
यू ही नहीं मिलती चाबी
तपना भी होता हैं
तड़पना भी होता हैं
सफलता के लिए
अपने आप को
मेहनतकश भी होना
पड़ता हैं,
ये 21 वी सदी हैं ज़नाब
यहाँ मेहनत ही सबकुछ हैं,
जन्मकुंडली के भरोशे बैठोगे
हर हाथ खाली होगा !
गर होना चाहते हो सफ़ल
चाबी बनानी होगी क़िस्मत की,,,,
लकीरे बन जाती हैं
मेहतन से,
वरना,,,,,,,
मिटने लगती हैं बनी
हुई लकीरें !
गर मेहनत करोगे तो
पाओगे राज सफ़लता का,
वरना उजड़ाओगे बगिया
अपने खुशियों से भरे
दामन की,,,,,
बस गुज़ारिश हैं मेहनत की,
फिर से खिलने लगेगी
वो कलियाँ जो कभी
लटकी हुई थी
सूखी बगियाँ में।
यहाँ मेहनत ही सबकुछ हैं
जो करनी भी होगी
और करवानी भी होगी....
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