सफलता अंगीकार करेंगे - by Krishna Kant Badoni


हम मेहनत करते हैं  क्यों हार भला जाते,

असफलताओं को भी हम स्वीकार करेंगे।


चाहतें हैं हम भी चमकें सितारों की तरह,

रह जाती कमी कहां इस पर विचार करेंगे।


हमारे चिरागों में चमक  उनसे फीकी रही,

हम  खुद को  जला  रोशनी बेशुमार करेंगे।


हिम्मत है बाजुओं में हम गिरकर भी उठेंगे,

अपनी कामयाबी  का  हम  इंतजार  करेंगे।


मत खींचों रेखायें जो हमसे नहीं हो  पायेगा,

इन क़दमों के हौसले तो चांद भी पार करेंगे।


रहता है हमारी निगाहों में ख्वाब सिकंदर सा,

एक  दिन अपनी मुट्ठी में  हम  संसार  करेंगे।


हारा  है  वही यहां  पर जो  अक्सर  टूटा  हैै,

हम तो हर हाल में सफलता अंगीकार करेंगे।


Writer:- Krishna Kant Badoni

From:- Ghaziabad, U.P. (India)

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