दृढ़ निश्चय - by Rashmi Shukla


है    अगर    दृढ़     निश्चय
तो काम कोई भी, कठिन नहीं
मिल गई यदि राह दुर्गम
ऐसा नहीं कि उसका हल नहीं।

हथौड़ा-छेनी हाथ में ले
पहाड़ को सड़क कर डाला
हौसले के आगे झुके सब 
थे दशरथ मांझी गहलौर वाला।



है अगर छोटी नदी तो भी
खुद ही राह बना लेती है
छोटी- छोटी सफलतायें ही
हमारी मंजिल का पता देती हैं।
 
 मुश्किल   राहों  पे  चल  कर 
 सफलतायें अपने नाम करते हैं
आगे    बढ़कर   सदा   उन्हें 
दुनियां वाले प्रणाम करते हैं।

मेहनत में जिन्होनें 
रात-दिन एक कर डाला
निश्चय ही सफलता मिली
उन्हें बन के गले की माला।

Writer:- Rashmi Shukla
From:- Rewa, Uttarakhand, (India)

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