सफल वही जिसने कभी हार न मानी - by Phool Chandra Vishwakarma


सफलता परिश्रम एवं कर्म का योग है।

सफलता नहीं महज संयोग है।।


सफलता पाने में दिन रात एक करना पड़े।

सफलता उसके कदम चूमे,

जो बाधाओं से सतत लड़े।।


सफलता सर्वोच्च शिखर है।

चढ़े वही जो निडर है।।


नदी कठोर शैल तोड़े, तभी सागर तक जाए।

गहरे सागर में जाने से ही गोताखोर मोती पाए।।


झंझावातों से टकराकर नाविक पाए किनारा।

एक मात्र अवलंब बने दृढ़ इच्छा शक्ति सहारा।।


पूर्ण काम होता वह ही जो तूफानों में खेले।

हँसकर सारी बाधाओं को अपने सिर पर झेले।।


सफलता के लिए करना पड़े कठिन श्रम।

सफलता पाना आसान नहीं, पालो मत भ्रम।।


गिरना, सँभलना, सँभलकर आगे बढ़ना।

हारने पर भी अनवरत कोशिश करते रहना।।


सारे सफल व्यक्तियों के पीछे यही कहानी।

सफल वही जिसने कभी हार न मानी।।


Writer:- Phool Chandra Vishwakarma

From:- Halwara, Punjab (India)

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