जिंदगी फिर से मुस्कुराएगी - Samiksha Tiwari


जिंदगी फिर से मुस्कुराएगी

तू रुक मत,तू डिग मत

पथ पर पथिक बन आगे बढ़

जिंदगी फिर से मुस्कुराएगी।

चलता जा मुसाफिर बन

मंजिल मिल ही जाएगी।

कोई ठोर नहीं, कोई मंजिल नहीं

राह में है मुश्किल कई

काँटे बिछे,पत्थर पड़े

आंधियो से मौसम अड़े

पर तु रुकना नहीं

लड़ना यूँ ही

हारना नहीं

आगे बढ़ते रहना यूँ ही

राह खुद ब खुद नजर आएगी।

मंजिल भी बन ही जाएगी।

सब यूँ घबरा जाते हैं

होंसलों से तूफान कहाँ

लड़ पाते हैं।

कहते हैं तुम कुछ न कर पाओगे

जीवन में बस ठोकरे खाओगे।

पर सबको सुनना

अपने मन की करना

कहने वाले फिर कह जाएंगे

शब्दों के बाण फिर चलाएंगे।

तुम अपना लक्ष्य आँख पर रखना।

आगे बढ़ना आगे बढ़ना।

जिंदगी फिर से मुस्कुराएगी।

रख जुनून, हौसला, हिम्मत

कुछ कर दिखाना है

जग में आयें है तो

कुछ करके ही जाना है।

नाम ऊंचा करना होगा

हर मुश्किल से लड़ना होगा।

आगे बढ़ना होगा,बढ़ते ही जाना होगा।

रुकना तेरा काम नहीं

चलता जा, चलता जा

हर दरिया को पार करता जा।

देखना एक दिन ये जग भी साथ आएगा

तेरी कामयाबी पर खूब खुशी मनाएगा।

पर तुझे फिर भी निर्मल बनना है।

कामयाबी का गुरुर नहीं करना है।

बड़ी मुश्किलों से मुकाम बनाया होगा

इसलिए सदैव सम्मान करना होगा।

जिंदगी फिर से मुस्कुराएगी।

और जिंदगी ऐसे ही कट जाएगी।


Writer:- Samiksha Tiwari

From:- Bahjoi, U.P. (India)

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