अतुल्य भारत - by Rachna Gulati


अतुल्य भारत

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सभी देशों में अग्रणी,

है मेरा भारत प्यारा।

जन्म लिया इस मिट्टी में,

जान से भी है प्यारा।


इसका मैं सम्मान करूँ,

इसका मैं गुणगान करूँ।


ऋषियों मुनियों की पावन धरती,

कवियों की है कर्मभूमि।

देशभक्तों की कुर्बानी सदका,

मिली है ये जन्मभूमि।


इसे शत्-शत् प्रणाम करूँ,

इसका मैं गुणगान करूँ।


धर्म, संस्कृति, दर्शन का संगम,

एकता-अखंडता का परिचायक।

शान्ति, अहिंसा, मानवता का आकर

आध्यात्मिकता, योग का संवाहक।


इसके अस्तित्व का यशोगान करूँ,

इसका मैं गुणगान करूँ।


राम नाम की है महिमा,

सिक्ख गुरूओं की वाणी में।

श्रीकृष्ण की लीलाओं का वर्णन,

रहीम-रसखान की गाथा में ।


वसुधैव कुटुंबकम् पर अभिमान करूँ,

इसका मैं गुणगान करूँ।


अनेकता में एकता की विशेषता,

है भारत रूपी मंदिर में।

राष्ट्रप्रेम, भाईचारा, नैतिक मूल्य,

हैं मानव के अन्तर्मन में।


भारतीय होने पर मान करूँ,

इसका मैं गुणगान करूँ।


- रचना गुलाटी

लुधियाना, पंजाब

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