वीरों की गाथा - by Neetu Joshi


वीरों की गाथा

-

अजब गाथा है अपने वीरों की,

धरती के सपूतों और महाबली शूरों की,

माँ की रक्षा के लिए जान भी न्योछावर करते हैं,

उस की आन बान की रखवाली, 

अपना सिर देकर करते है।

देशभक्ति की भावना बसती है इनके रोम रोम में,

न करते परवाह कभी यह अपने आप की,

चीर दे छाती उनकी जो रखे पैनी निगाह इस पर।

भारत माँ इसकी आन बान शान है,

इसके लिए सदैव देते रहे अपने प्राण हैं ।

अजब जनिनयाँ है इस देश की,

जो वीरों को जन्म दे भेजती है रण क्षेत्र में ।

खून खौलता है वीरों का जब,

दुश्मन आ सरहदों पर,

इसकी शान को मिटाने की साजिश रचते हैं ।

तब भारत माँ की जयघोष करते हुए वीर,

दुश्मनों की छाती शूलों से चीरा करते हैं।

आँखों में इनकी ज्वाला देखते ही बनती है ,

जब दुश्मन की छाती पर गोलियों से,

भारत माँ की तस्वीर बनती है।

मर जाएँगे पर भारत माँ की,

आन पर आँच न आने देंगे,

ऐसी अभिलाषा इन वीरों के हृदय में पलती है।

नमन है वीर तुम्हें,

तुम हमारे लिए एक मिसाल हो,

तुम्हारे कारण ही तो देश के बच्चे-बच्चे में 

भारत माँ के लिए पल रहा अगाध प्यार है।

हम आभारी हैं तेरे जो अपने परिवार को छोड़,

सरहदों पर खड़ा ,

ताकि हम चैन से सो सकें,

इसके लिए हर प्रयास है कर रहा ।

निश्चय ही भारत माँ को भी तुम पर गर्व है,

तुम जैसे वीरों के कारण ही,

उसका मस्तक पर सदैव सज रहा जीत का ध्वज है।


- नीतू जोशी

लुधियाना, पंजाब

No comments

Powered by Blogger.