नेताजी सुभाष चंद्र बोस - by Sushma Parakh
नेताजी सुभाष चंद्र बोस
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उड़ीसा में लिया जन्म,
था सम्पन्न बंगाली परिवार,
पिता जानकीनाथ के दुलारे,
थे माँ प्रभावती के लाल।
वकील पिता की प्रखर नोवीं सन्तान,
नेताजी सुभाष चंद्र महान,
छः बहने और भाई आठ ,
भाई बहनों का था ठाठ।
केम्ब्रिज विश्व विधालय में दिया,
सिविल सर्विस का एग्ज़ाम,
करके कठिन प्रयास और मेहनत,
पाया उन्होनें चौथा स्थान।
चल रहा था अंग्रेज़ी शासन काल,
भारतीय राजनीति के गम्भीर थे हालात,
नेताजी ने छोड़ी सिविल सर्विस,
जुड़े राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ।
पाया साथ गाँधी जी का बस,
जुदा दोनो की सोच थी,
आज़ादी दोनो को प्यारी,
पर राह दोनो की थी न्यारी।
एक अहिंसा का पुजारी,
तो दूसरा था क्रांतिकारी।
गाँधी जी का करते,
नेताजी ख़ूब सम्मान,
"राष्ट्रपिता" नेताजी ने दिया था,
गाँधी जी को नाम।
करके आज़ाद हिंद फ़ौज़ का गठन,
स्थापित की आज़ाद हिंद सरकार,
क्रांतिकारी थे वो सूरवीर,
आज़ादी की आँखों में,
बसाई थी प्यारी सी तस्वीर।
आज़ादी के लिए उन्होनें,
नौजवानों को ललकारा था,
जोशीला,नौजवान,आज़ादी का दीवाना,
ऐसा नेता हमारा था।
तुम मुझे खून दो मैं तुझे आज़ादी दूँगा,
नेताजी का नारा था,
हमारा प्यारा,जोशीला और क्रांतिकारी,
नेताजी एक प्रतिभावान सितारा था।
- सुषमा पारख
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