ऐसा भारत बनाना है - by Hirdesh Verma 'Mahak'


ऐसा भारत बनाना है

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अपने शौर्य पराक्रम से हमें,

इसका गौरव बढ़ाना है।

दसों दिशाएँ करें नमन,

हमें ऐसा भारत बनाना है।।

वंचित है जो शिक्षा के प्रकाश से,

बेबस हैं जो रोटी की मार से,

छाले पड़ गए जिन हाथों में,

घायल हैं, जो वक्त की तकरार से,

ऐसे हर मन में,

हमें शिक्षा दीप जलाना है।

दसों दिशाएँ करें नमन,

हमें ऐसा भारत बनाना है।

जो करें धर्म के नाम पर जुदा हमें,

जो मानवता का विनाश करें,

निज स्वार्थ हेतु जो,

राष्ट्रधर्म का अपमान करें,

घर के ऐसे दुश्मन से हमें,

अपना देश बचाना है।

दसों दिशाएँ करें नमन,

हमें ऐसा भारत बनाना है।

हर घर में नारी का सम्मान हो,

उसके सपनों की भी उड़ान हो,

दामन उसका ना कहीं,

आँसुओं से सराबोर हो,

उसकी प्रगति का भी,

हमको मार्ग बनाना है।

दसों दिशाएँ करें नमन,

हमें ऐसा भारत बनाना है।

भ्रष्टाचार से मुक्त हो देश हमारा,

जाति, धर्म, ऊँच-नीच का ना ले,

हम कभी सहारा।

हर युवा लिखे जहाँ यश,

कीर्ति की गाथा।

सबकी आँखों के ख्वाब अब,

हमें सजाना हैं।

दसों दिशाएँ करें नमन,

हमें ऐसा भारत बनाना है।


- हृदेश वर्मा 'महक'

अयोध्या, उत्तर प्रदेश

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