धर्मयुद्ध - by Priyanka Pandey Tripathi
धर्मयुद्ध
-
हे भारत के वीर सपूतों,
उठो बढ़ाओ आगे कदम।
करो एक बार फिर तुम,
धर्मयुद्ध ! धर्मयुद्ध !
धर्म कभी झूके नहीं,
अधर्म कभी डटे नहीं।
सत्य का प्रकाश हो,
अन्धकार का नाश हो।।
मातृभूमि के भाल पर,
ना आने पाए कोई आँच।
उनका सर कलम कर,
मातृभूमि की ओर उठे जो आँख।।
धधक उठी है चिंगारी,
उर मे लगी जो आग।
कर दो समूल नाश,
जो देश को दीमक की तरह रहे चाट।।
तुम हो भारत के प्रहरी,
रख लो तिरंगे की लाज।
अहि का करो पर्दाफाश,
जो मातृभूमि को बेच रहे आज।।
बाँध लो सर पर कफ़न,
कर दो अरि को दफन।
उतार दो सब ऋण,
जो समर-भूमि में दे गए प्राण।।
सत्य का हो रहा मर्दन,
धर्म का हो रहा खंडन।
बन जाओ सुदर्शन,
करो एक बार फिर तुम
धर्मयुद्ध ! धर्मयुद्ध !
- प्रियंका पांडेय त्रिपाठी
No comments