ऐसा मेरा भारत देश है - by Dr. Akanksha


ऐसा मेरा भारत देश है

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विश्व गुरु कहलाने वाला,

कहानी जो नित गढ़ता बलिदानों की,

कहीं रीति रिवाज कहीं त्योहार अनेक,

यह भूमि है मंगल गानों की,

कहीं राम, कहीं कृष्ण, कहीं अवधेश हैं,

ऐसा मेरा भारत देश है।


जहाँ सोंधी महक फसलों की,

जहाँ बागों में कुहू पीहू,

कोयल और पपिहों की,

जहाँ कभी धमाल होली के गीतों की,

तो कभी सजावट दिवाली के दीपों की,

रंग बिरंगा जिसका परिवेश है,

ऐसा मेरा भारत देश है।


गुरु शिष्य परंपरा की,

जहाँ अविरल धारा बहती है।

महावीर,गौतम की प्रिय रही सदा,

जो अवतारों की धरती है।

निष्काम भाव से स्रावित,

जहाँ धर्म उपदेश है,

ऐसा मेरा भारत देश है।


सिंधु सभ्यता का परिचायक जो,

स्वर्णिम इतिहास महापुरुषों का बताता है।

भाषा पुराण उपनिषद के साथ जो,

योग वेद दर्शन का पाठ पढ़ाता है।

जहाँ रग रग में सत्य अहिंसा का उपदेश है,

ऐसा मेरा भारत देश है।


- डॉ० आकांक्षा

झुंझुनूं, राजस्थान

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