विजय संकल्प - by J.P. Dimri


विजय संकल्प

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सर्वनाश  निश्चित  है  अब,

भारत के हाथों, दुश्मन का

धोखेबाजी  -  कायरता  !

और,  अंत हर दमन का ।


मानवता   का   दुश्मन  है,

है दुश्मन, चैन - अमन का,

अब  प्रहार,  प्रबल  होगा ,

और , अंत  हर  दंभ  का ।


सौगंध  शहीदों   की  हमको,

हम चुन-चुन कर बदला लेंगे,

अपनी माटी ,  अपनी घाटी,

हर  वादी,  हर   खंड  का ।


अब रण होगा,  प्रचंड होगा,

दुश्मन  खंड -  खंड  होगा ,

देखेगा   ब्रह्मांड ,  समूचा  !

दुर्दांत  भयावह  अंत  का ।


- जे० पी० डिमरी

दिल्ली, भारत

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