जय आर्यावर्त - by Babita Kumari


जय आर्यावर्त

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धर्म निरपेक्ष आर्यावर्त हमारा

देता यह संदेश

हँसी-खुशी सब मिलकर रहना

हो ना मजहब की क्लेश।।

कोई ना हो किसी पे भारी

रहना सब हल्कान

हिल-मिल कर सब प्रेम से रहना

रखना! देश का सम्मान।।

हिन्दू - मुस्लिम - सिख - ईसाई

मिलकर लड़ी -लड़ाई

देशप्रेमी जब एक हुए तब

गोरे को मार भगाई।।

रखना सब धर्मों का मान

और! करना सम्मान

देशद्रोही संग मिलकर लड़ना

हिंदू और मुसलमान।।

आओ सब मिल प्रण लें ये कि

रहेंगे सब मिल एक

अनेकता में एकता का

रहें हमारा टेक।।

तीन रंग का अपना तिरंगा

जो! देश की पहचान

सदा सत्य और वीर रस में 

कर्म बने पहचान।।

जय आर्यावर्त जय हिंदुस्तान

जय जय जय भारत महान।।


- बबिता कुमारी

बेगूसराय, बिहार

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