अनमोल है आज़ादी अपनी - by Shalini Sharma "Swarnim"


अनमोल है आज़ादी अपनी

-

अनमोल है आज़ादी अपनी,

ना पूछो कीमत क्या चुकाई।


आज़ादी की खातिर, 

वीरों ने स्वयं की बलि चढ़ाई। 

रक्त की बहाई नदियाँ, 

जख्म हजारों झेले हैं। 

आज़ादी के परवाने 

ये अपनी जान से खेले हैं। 

तब कहीं जाकर हमने, 

ये स्वतंत्रता है पाई।

अनमोल है आज़ादी अपनी, 

ना पूछो कीमत क्या चुकाई।


वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई ने,

हाथों में तलवार उठाई। 

देशभक्ति है सर्वोपरि,

यही बात सिखलाई। 

हार न मानी शत्रु से कभी, 

भारत माँ की लाज बचाई।

अनमोल है आज़ादी अपनी, 

ना पूछो कीमत क्या चुकाई। 


इस धरती माँ ने जन्मे, 

हैं वीर महान कई।  

था रगों में लहू वीरता का, 

थी मन में रवानी नई।

आज़ाद,सुखदेव,भगत सिंह ने

बलिदानों से मातृभूमि महकाई।

अनमोल है आज़ादी अपनी, 

न पूछो कीमत क्या चुकाई। 


भारत माँ के हर लाल को,

कर्तव्य अपना निभाना होगा। 

अर्पण कर श्रद्धा सुमन, 

वीरों का कर्ज चुकाना होगा।

अमर गाथाएँ हैं शौर्य की,

इन्होंने तिरंगे की शान बढ़ाई।

अनमोल है आज़ादी अपनी,

ना पूछो कीमत क्या चुकाई।


- शालिनी शर्मा "स्वर्णिम" 

इटावा, उत्तर प्रदेश

No comments

Powered by Blogger.