सपनों का जहाँ - by Manju Dubey


सपनों का जहाँ

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नील गगन की छाँव में,

धरती माँ की बाहों में,

जीवन मेरा बीत रहा,

आनंद से मन है भरा हुआ।


भारत माँ की बेटी हूँ,

वतन के लिए समर्पित हूँ,

अनुशासित और मेहनती हूँ,

पावन मिट्टी में पलती हूँ।


सपनों का जहाँ मेरा वतन,

वीरों की भूमि मेरा चमन,

तपोवन है ऋषियों का,

लक्ष्मीबाई सी बालाएँ यहाँ।


"शाने तिरंगा" को मेरा नमन,

वसुंधरा की रक्षा हमारा कर्म,

योद्धा हम अपने देश के हैं,

फर्ज़ अपना अदा हम करते हैं।


मेरे देश की मिट्टी की बात अलग,

जीवन में भर्ती प्यार का रस,

दुश्मनों को भी मिलता प्यार यहाँ,

सम्मान से मिलता आश्रय यहाँ।


ये मेरा चमन सबसे प्यारा है,

संसार में सबसे न्यारा है,

मिलकर रहना ये सिखाता है,

शांति से इसका नाता है।


- मंजू दुबे

द्वारिका, दिल्ली

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