शहीद भगत सिंह - by Satyendra Pandey 'Shilp'


शहीद भगत सिंह

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28 सितम्बर सन 1907,

जन्म हुआ एक बालक का।

सरदार किशन सिंह, विद्यावती,

नाम था पालक का।

नाम भगत सिंह देश की भक्ति,

अदम्य साहस और शौर्य की मूर्ति।

त्याग और बलिदान के प्रेरक,

माँ भारती के अनन्य सेवक।

जन जन के आदर्श है वो,

खुद में भारत वर्ष है वो।

सिंहो सा था सिंघनाद,

नारा था भारत माता जिंदाबाद।

बचपन से था प्यार वतन से,

जीना मरना काम वतन से।

दृढ निश्चय निर्भीक निडर,

किया पार हर कठिन डगर।

आजादी की खातिर,

अंगारो पे चलना होगा,

चलो सभी एक साथ,

सबको आगे बढ़ना होगा।

लोगों का स्वाभिमान जगाकर,

सबसे पहले आगे आकर।

भारत माँ के आन के लिए ,

उन वीरों के सम्मान के लिए,

हँसते हँसते अपने प्राणों को,

देशहित मे बलिदान किया।

गुलामी की जंजीरो से,

हमको आजाद किया।

धन्य- धन्य यह भारत का लाल

धन्य धरा का गौरव अभिमान

वन्दे मातरम् जन गण मन से 

एक नये भारत का उदय हुआ


- सत्येंद्र पाण्डेय 'शिल्प'

गोंडा, उत्तर प्रदेश

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