भारत की कहानी - by Dr. Meetu Sinha
भारत की कहानी
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वैसे तो विश्व विख्यात है,
मेरे देश की धरती धानी।
फिर भी सुनो मित्रों,
भारत की कहानी हमारी जुबानी।।
यह चंद्रगुप्त का देश है,
अशोक की है यह धरा।
हर बालक में यहाँ,
प्रताप सा साहस भरा।
इस धरती का भक्ति से,
अवलोकन तो करो जरा।
विदुर मनु की नीति मिलेगी,
मिलेगा चाणक्य का ज्ञान खरा।
हमारे देश ने सुनी है,
मीरा और कबीरा की वाणी।।
फिर भी सुनो मित्रों,
भारत की कहानी हमारी जुबानी।।1।।
सुश्रुत का चिकित्सा ज्ञान,
अब भी उपकारी है।
आर्यभट्ट के सिद्धान्त जगत में,
सम्मान के अधिकारी हैं।
लक्ष्मीबाई,अहिल्या,जीजा,जयवंता
सम यहाँ की नारी हैं।
हमारा आध्यात्मिक ज्ञान हर
भौतिकता पर भारी है।
परमहंस विवेकानंद का,
विश्व में नहीं कोई सानी।।
फिर भी सुनो मित्रों,
भारत की कहानी हमारी जुबानी।।2।।
अर्जुन का गांडीव है,
शिवाजी की तलवार है।
श्री कृष्ण का गीता ज्ञान,
जीवन का आधार है।
श्री राम की मर्यादा है,
सीता का सदाचार है।
हर दूर्वृत्ति पर यहाँ,
पड़ता करारा वार है।
तेनालीराम, बीरबल, गोनू,
भारती, मंडन से हैं ज्ञानी।।
फिर भी सुनो मित्रों,
भारत की कहानी हमारी जुबानी।।3।।
चैतन्य की भक्ति है,
शंकराचार्य का ध्यान है।
गुरुदेव की कविता है,
स्वामीनाथन, रमण का विज्ञान है।
रामायण की पवित्रता है,
महाभारत का मान है।
ऋषियों की इस पावन धरती का,
हर रज देता ज्ञान है।
दूसरों के हित में लगा हुआ,
इस धरती का हर प्राणी।।
फिर भी सुनो मित्रों,
भारत की कहानी हमारी जुबानी।।4।।
अकथ कथा है देश की मेरे,
अंतहीन विस्तार है।
आदि रहित अंत रहित,
भारत ही जग का सार है।
सीमाएँ बंधी हो भले धरती पर,
हृदय में समाया विचार है।
विशाल आकाश, अगाध सागर में,
इसका दीर्घ प्रसार है।
भारत की प्रभुता है,
पूरे विश्व में जानी मानी।।
फिर भी सुनो मित्रों,
भारत की कहानी हमारी जुबानी।।5।।
- डॉ० मीतू सिन्हा
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