है इरादा काम आऊँ - by Chhagan Lal Garg 'Vigya'


है इरादा काम आऊँ

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है इरादा काम आऊँ ,तन सुरक्षा में जले!

है इरादा दब सकूँ इस , देश की मिट्टी तले !


पालता हूँ प्राण पण से , प्रीत में संतान को !

कर सके निस्सार रण में, पाक के संधान को !

भिन्नता में भी एकता का, राग उर मे नित्य पले !

है इरादा काम आऊँ ,तन सुरक्षा में जले!! 


माँ मुझे अब त्याग दो तुम, भारती माँ चाहिए !

योग्यता पाई तुम्हीं से ,साधना माँ चाहिए !

रक्त तेरा दौड़ता यश , युद्ध में दुश्मन दले !

है इरादा काम आऊँ ,तन सुरक्षा में जले!! 


और किस दिन काम आऊँ , वक्त को पहचानता !

चीन सीमा छोड़ दो अब , बीच झंडा तानता !

देश की ताकत अनूठी ,हर बुरी आफत टले !

है इरादा  काम आऊँ ,तन सुरक्षा में  जले !! 


राष्ट्र रक्षा दीप जलता , रोशनी उर अब्द से! 

प्राण वंदन नित्य करते , भाव भीगे शब्द से !

खो चुके तन प्राण रक्षा ,धर्म को ताकत मिले !

है इरादा काम आऊँ ,तन सुरक्षा में  जले !! 


कर्म की रफ्तार पावन ,विश्व जय जय बोलता !

संघ है सुन्दर सुयोजित , शक्ति अपनी तोलता! 

जोड़ते हम तार उर के , हर किसी को साथ ले !

है इरादा काम आऊँ ,तन सुरक्षा में  जले !!


- छगन लाल गर्ग 'विज्ञ'

सिरोही, राजस्थान

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