वीर सपूत सुभाष चंद्र बोस - by Pushpa Mishra
वीर सपूत सुभाष चंद्र बोस
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नेताजी देश पुकार रहा है,
फिर एक बार आ जाओ।
नीतियों पर चलें, अनीति से रहे दूर,
लक्ष्य यही सिखला जाओ,
फिर एक बार आ जाओ।
आप राष्ट्र भक्त जज्बाती थे,
देशप्रेम में उन्मादी थे।
निडर,कर्मठ, साहसी, त्यागी,
स्वदेश के अनुरागी थे।
हे!स्वदेश प्रेम के ध्वजवाहक,
फिर से नेतृत्व सिखला जाओ।
देश तुम्हें पुकार रहा है,
नेताजी फिर एक बार आ जाओ।
न नीति न नियम हो रहा,
न मजहब न धरम हो रहा।
जिसमें अपना मतलब शामिल हो,
बस यही करम आज हो रहा।
आम जन अब पनप सकें,
समानता की ज्योत जला जाओ।
प्रदूषित समाज, प्रदूषित विचार से,
मुक्त हमें करा जाओ।
हे! स्वदेश प्रेम के ध्वज वाहक,
फिर एक बार आ जाओ।
आजाद हिन्द फौज देखकर,
अंग्रेजों के उड़े थे होश।
खून मुझे दो,आजादी दूँगा,
किया था आपने उद्घघोष।
आज भी जय हिन्द का नारा,
हम सभी को प्रेरित करता।
आओ फिर से वही राह दिखला जाओ,
नेता जी देश पुकार रहा है,
फिर एक बार आ जाओ ।
- पुष्पा मिश्रा
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