जवानों को नमन - by Kumar Vivek 'Manas'
जवानों को नमन
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चलो फिर आज कर लें याद, उस बीते ज़माने की।
शहीदों के इरादों को, उम्मीदों पे सजाने की।
बहाकर खून आज़ादी, दिलायी जिन जवानों ने।
कसम हम आज खाते हैं, उन्हें गौरव दिलाने की।।
सलामी दे तिरंगे को, इसी से शान अपनी है।
हमेशा रख उसे ऊँचा, कि जब तक साँस अपनी है।
न जाना भूल भारत के, सपूतों की अमर गाथा।
सजे इन तीन रंगों से, अरे! पहचान अपनी है।।
तिरंगे की कहानी है, शहीदों की ज़ुबानी है।
जिये जो देश की खातिर, कहाँ वो जिंदगानी है।
जुदा जो हो गये हमसे, नमन ऐसे जवानों को।
कथा बलिदानियों की अब, यहाँ सबको सुनानी है।।
- कुमार विवेक 'मानस'
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