मेरे देश का बड़ा मान है - by Gaurav Karna
मेरे देश का बड़ा मान है
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मेरे देश का बड़ा मान है, मेरा भारत सबसे महान है।
संस्कृति बहुआयामी है, सभ्यता भी युगों पुरानी है,
इतिहास बहुत महान है, भूगोल विविधतावान है,
भाषायें बहुत अनेक हैं, परम्पराएँ बहुत ही नेक है,
प्रथाएँ बहुत ही दुर्लभ है, भेष-भूषा भी तो अलग है,
धर्म जातियों में ये बंटा है, रीति-रिवाजों से भी पटा है,
मेरे देश में बहुत ही जान है, मेरा भारत सबसे महान है।
सब कुछ तो मेरे देश में है, प्रकृति की परिवेश में है,
रेगिस्तान की रेत भी है, समुंद्र की लहरें स्वेत भी है,
पहाड़ों की वादियाँ भी है, पर्वत की वो चोटियाँ भी है,
जंगलों की झाड़ियाँ भी हैं, नदियों की वो लरियाँ भी है,
पतझर और बरसात भी है, सर्द-गर्म का एहसास भी है,
मेरा देश प्रकृतिवान है, मेरा भारत सबसे महान है।
मेरा देश बहुत प्राचीन है, योद्धायें भी हुये प्रवीण है,
महाराणा का भाल वार है, छत्रपति की तलवार है,
लक्ष्मीबाई की यलगार है, मंगल की पहली हुंकार है,
भगत का इन्कलाब है, सुभाष का वो ललकार है,
गाँधी सी शांतिवान भी है, वीर हामिद का बलिदान है,
मुझे देश के वीरों पे मान है, मेरा भारत सबसे महान है।
मेरा देश सदियों से आगे है, शिक्षा विज्ञान यहाँ जागे है,
चाणक्य का ज्ञान है, जंतर-मंतर सा समय विज्ञान है,
आर्यभट्ट जैसे गणितज्ञ है, चरक आयुर्वेद के जनक है,
रामसेतु का निर्माण है, ब्रह्मा का पुष्पक विमान भी है,
ब्रह्मास्त्र जैसे शस्त्र है, वेदों में मिलता प्रमाण भी है,
मेरा देश बड़ा विद्वान है, मेरा भारत सबसे महान है।
मेरा देश कितना महान है, ये दुनियाँ को बतलाना है,
सोने की चिड़िया बनाना है, देश को सम्मान दिलाना है,
हर क्षेत्र में फिर छा जाना है, हमें ये करके दिखाना है,
खेतों में फ़सलें उगाया है, खेलों में करके दिखाया है,
विरता हमनें जनाया है, अन्तरिक्ष में तिरंगा लहराया है,
मुझे देश पे अभिमान है, मेरा भारत सबसे महान है।
- गौरव कर्ण
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