हिन्दुस्तान मेरी है परिभाषा - by Shaila Pandey
हिन्दुस्तान मेरी है परिभाषा
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हिन्दुस्तान मेरी है परिभाषा,
हिन्दुस्तानी कह के बुलाया जाता,
हिन्दुस्तान की मिट्टी है पावन,
वंदनीय है हिन्दुस्तान का हर जन।
विश्व विख्यात संस्कृति है अपनी,
माँ जननी पूजनीय है सबकी,
प्यारी हमको जान से अपनी,
भारत माँ को हर साँस समर्पित।
हिन्दुस्तान तपस्या की है भूमि,
ऋषियों मुनियों की पावन भूमि,
नारी शक्ति का बोध कराती,
समानता का हक सभी को देती।
सत्य, अहिंसा मीठी वाणी,
हिन्दुस्तानी की है निशानी,
हिन्दुस्तान हम सबका घर है,
महफूज़ यहाँ एक एक कण है।
- शैला पांडे
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