ऊधम सिंह - by Vijay Purohit
ऊधम सिंह
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देख के आँसू, माँ की आँखों में,
ऊधमसिंह को, गुस्सा आया था।
किसने रूँला दिया, मेरी माँ को,
ऊधम दहाड़ मार, चिल्लाया था।।
वो माँ बेकार, डरपोक सपूती है
जिसने कायर, सुत जाया है।
वह पूत-पूत है, क्या जिसने,
भारत माँ का, दूध लजाया है।।
रोना नही एक, सपूत की माँ हो,
बदला डायर से, मै जरूर लूँगा
उस दुष्ट की, लंदन जाकर के,
मै सारी ही ऐंठ, निकाल दूँगा।।
याद करूं जब, जलियांवाला,
माँ दिल मेरा, कांप उठता है।
इंकलाब के नारो से ये मेरा,
रग का जर्रा-जर्रा, बोल उठता है।।
कौन सजा देगा, डायर को,
तब सभी ने यहीं, विचारा था।
"विजय" ऊधम सिंह ने कायर को,
वहाँ लंदन जाकर मारा था।।
- विजय पुरोहित
सीकर (राजस्थान)
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