क्यों नारी सम्मान नहीं पाती - by Meeta Luniwal


क्यों नारी सम्मान नहीं पाती

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क्यों नारी पूरा सम्मान 

नहीं पाती है।

हर बंदिश नारी पर

हर समझौता करें नारी

अपने तन-मन को 

मारकर जीती है।

अपने से पहले दूसरों 

का सोचती है।

माँ, बहन, पत्नी बन कई 

रिश्ते ये निभाती है।

सबसे पहले उठती है और

आखिर में ही सो पाती है।

सुबह से रात तक हर 

जिम्मेदारी निभाती है।

घर बाहर हर जगह अपना 

फ़र्ज निभाती है।

फिर क्यों नारी पूरा

सम्मान नहीं पाती है।

खुद को कई हिस्से में बाँटकर

हर हिस्से से फ़र्ज निभाती है।

बच्चों को पालती है,

एक आया वो बन जाती है।

सास-ससुर, पति की सेवाकर

सेविका वो बन जाती है।

घर के काम सभी कर

बाई वो बन जाती है।

इन सब के बदले एक रुपया

पगार नहीं वो पाती है

फिर क्यों ....???

वो पूरा सम्मान नहीं पाती है।


- मीता लुनिवाल

जयपुर, राजस्थान

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