पहला प्यार - by Mukesh Kumar Rishi Verma


पहला प्यार

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वो पहला प्यार

ऑंखों में खुमार ।

बस ! एक झलक पाने को 

तरसती निगाहें 

धड़कता दिल...


गुलाबी गाल 

होंठ सुर्ख लाल ।

मीठी मुस्कान 

मेरी गीत, गजल, कविता 

मेरे सपनों का संसार...


वो मेरा प्यार 

वो पहला प्यार ।

सात जनम संग जीने मरने की ख्वाहिश

बार-बार उसकी गली से गुजरना 

ठंडी आहें भरना...


किताबों में छिपाई तश्वीर

लगने लगा बदल गई तकदीर । 

पास से उनका गुजरना 

इत्र का बरसना 

जन्नत सा एहसास...


- मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

आगरा, उत्तर प्रदेश

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